अंतरराष्ट्रीय ऋण किसे कहते है
अंतरराष्ट्रीय ऋण एक ऐसी व्यवस्था है जो देशों को वित्तीय प्रणाली को दुरस्त करने और समय – समय पर अवलोकन करके उनको वित्तीय सहायता के लिए ऋण देती है। अंतरराष्ट्रीय ऋण का सीधा सा मतलब है किसी देश को ऋण देना। आसान भाषा में कोई देश ऋण लेता है तो उसे अंतरराष्ट्रीय ऋण कहते है जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्था या अंतरराष्ट्रीय बैंक से कोई देश की सरकार ऋण लेती है, उसे अंतरराष्ट्रीय ऋण कहते है।
अंतरराष्ट्रीय ऋण किसे कहते है
अंतरराष्ट्रीय ऋण उन सदस्य देशों को आर्थिक एवं तकनीकी सहायता प्रदान करने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने तथा आर्थिक विकास की दर को बनाये रखने तथा आप लोगों के जीवन स्तर, उनके शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी को कम करने सम्बंधित कार्यों के लिए दिया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय ऋण – उस देश की सम्पदा और स्रोतों के आधार पर जीडीपी के आधार पर दिया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय ऋण लेने के कई कारन हो सकते है। ये उस देश की सरकार पर निर्भर है की वो किसलिए अंतरराष्ट्रीय ऋण ले रही है और उसको कैसे सही उपयोग करके देश के विकास करती है या दुरूपयोग करती है।
आपने अंतरराष्ट्रीय बैंक से ऋण लेने के बारे में सुना होगा। वही ऋण जो अंतरराष्ट्रीय ऋण कहलाता है। यह दो प्रकार का हो सकता है।
पहला अंतरराष्ट्रीय ऋण – जिसको समय पर ब्याज सहित चुकाना होता है।
दूसरा अंतरराष्ट्रीय ऋण – ये ऋण नहीं सहायता होती है जो वापस नहीं होती है।
अंतरराष्ट्रीय ऋण के बारे में अधिक जानकारी के लिए अंतररष्ट्रीय मुद्रा कोष के बारे में पढ़ना चाहिए।
IMF Headquarters | वाशिंगटन, डीसी, संयुक्त राज्य अमेरिका |
IMF की स्थापना वर्ष | July 1944, Bretton Woods, New Hampshire, United States |
IMF के सदस्य देश | 189 |
IMF President | क्रिस्टालिना जॉर्जीवा |
IMF की मुद्रा | SDR (Special Drawing Rights) |
अंतरराष्ट्रीय ऋण लेने का मतलब देश के लोगों पर कर्ज बढ़ाना। अब आप समझ गए होंगे क्युकि आप पर कितना कर्ज है ये तो पता ही होगा, अगर नहीं है तो पता कीजिये की किस सरकार ने कितना अंतरराष्ट्रीय ऋण लिया है जिससे प्रति व्यक्ति पर कितना कर्ज है।
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