bachat aur nivesh mein antar
एक ऐसा समय था जब बचत करने मात्र से ही जीवन को सफल मानते थे। धीरे – धीरे समय बदला और बचत भी कम पड़ने लगी। अब वो समय आ गया है जब बचत से भविष्य के सपने पूरे नहीं होते दिख रहे। अब बचत के साथ निवेश को भी अपनाना जरूर हो गया है।
बचत करने की प्रवृति पिछले हजारों सालों से चली आ रही है। कठिन समय में बचत काम आती थी, परन्तु अब हर वर्ष महंगाई बढ़ने के कारन, आज की गयी बचत, कल कोई बड़ा फायदा नहीं होने वाला इसलिए इस बचत को निवेश में बदल लेना ही समझदारी है। निवेश से बचत को समय के साथ बढ़ाया जा सकता है और महंगाई की दर का प्रभाव कम किया जा सकता है। इस प्रकार से बचत और निवेश को समझना अति आवश्यक है।
निवेश और बचत को ढंग से समझने के लिए सबसे पहले इनके शाब्दिक अर्थ को समझना होगा फिर बचत कैसे की जा सकती है और बचत से निवेश किस प्रकार किया जा सकता है। इस प्रकार निवेश और बचत में अंतर को समझने ने आसानी होगी।
बचत क्या है
मासिक कमाई में से मासिक खर्चा निकल देने पर बचत निकलती है। मान लो की आपकी कमाई 10000 हजार रूपये मासिक है। आपका कुल मासिक खर्चा 6000 रूपये है। इस प्रकार आपके पास मासिक 4000 रुपए बचते है। ये चार हजार रूपये आपकी मासिक बचत है।
निवेश क्या है
बचत किये गए रुपयों को भविष्य के लिए किसी में निवेश करने पर आपके द्वारा किये गए निवेश समय के साथ बढ़ता जायेगा। इस प्रकार से रूपये के मूल्य में कमी और महंगाई की भरपाई, निवेश से हो जाएगी।
बचत की अपेक्षा निवेश क्यों जरुरी है
बचत हमेशा वही रहेगी या खर्च हो जाने से कम हो सकती है, परन्तु निवेश से बचत की राशि समय के साथ बढ़ती जाएगी। इस प्रकार आज की बचत राशि से भविष्य में वस्तु खरीदना नामुमकिन हो सकता है, क्योंकि भविष्य में वस्तुओं का मूल्य बढ़ेगा। अब निचे दिए गए निम्न बिंदुओं से बचत और निवेश को समझते है।
बचत और निवेश में अंतर
बचत | निवेश |
मासिक आय और खर्चों के बीच का अंतर ही बचत है। | लाभ प्राप्त हेतु खरीदी गयी वास्तु के मूल्य और बेचने पर मिलने वाले मूल्य का अंतर ही निवेश है। |
बचत की राशि निश्चित होती है। | निवेश की राशि अनिश्चित होती है। |
खर्चो को कम करके बचत की जाती है। | निवेश लाभ प्राप्त करके किया जाता है। |
बचत, हमारी कमाई और खर्चों पर निर्भर है। | निवेश बाजार पर निर्भर है। |
बचत निश्चित दर पर जाती है। | निवेश, बाजार और लाभ प्राप्त करने की कला है। |
बचत करने के तरीके
किसी भी सरकारी बचत योजना या FD में जमा करके बचत की जा सकती है। जिस पर निश्चित लाभ प्राप्त होने की सम्भावना होती है। बचत में जोखिम ना के बराबर होता है। बचत करने के लिए अधिक राशि की जरुरत नहीं होती। छोटी – छोटी बचत योजना में मासिक बचत की जा सकती है।
अगर आपको बचत करनी हो तो आपको इन सरकारी बचत योजना के बारे में बढ़ सकते है।
निवेश करने के तरीके
निवेश सरकारी बॉन्ड, सोना – चाँदी, जमीन या शेयर बाजार में निवेश जैसे म्यूच्यूअल फंड्स या आईपीओ, इंट्राडे ट्रेडिंग, एसआईपी में निवेश आदि। ये निवेश बाजार पर निर्भर होते है इसलिए किसी अच्छे जानकर लोगों से सलाह जरूर लेनी चाहिए। इनमे लाभ और जोखिम दोनों होते है इसलिए जानकर की सहायता से ही निवेश करना हितकारी हो सकता है। Nivesh Kya Hai | निवेश क्या है?
बचत और निवेश के फायदे
दोस्तों बचत से हमें भविष्य में जरूरतों की पूर्ति करने के लिए जरुरी है वैसे ही निवेश से बड़े सपने पूरे करने के लिए जरुरी है। इसको इस प्रकार समझते है जैसे आपकी बचत से जो वास्तु आज खरीदी जा सकती है। क्या वो वास्तु कल या अगले कुछ वर्षो बाद उसी मूल्य पर संभव है? नहीं ना। ठीक वैसे ही सपने पूरे करने के लिए धन की जरुरत होगी और भविष्य में ओर ज्यादा धन की जरुरत होगी, इसलिए निवेश एक ऐसी औषधि है, जो समय के साथ बढ़ती जाती है और हमारे सपने पूरे करने में सहायता मिलेगी।
इसलिए हमारे लिए दोनों बचत और निवेश जरुरी है। बचत से ही निवेश संभव है इसलिए बचत के बिना निवेश संभव ही नहीं है। हमें और हमारे बच्चों को बचत करने के तरीके और फायदे जरूर बताये। बच्चों को बचत के साथ निवेश के फायदे का बारे में पढ़ें। Nivesh ke Prakar | निवेश कितने प्रकार के होते हैं?
बचत और निवेश से सम्बंधित कई हिंदी में किताबे है जो पढ़कर अच्छा ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। बड़े – बुजुर्ग कहते थे की किताबे ही सच्ची दोस्त होती है इसलिए किताबों से दोस्ती जरूर करें।
निष्कर्ष
निवेश तभी संभव है जब बचत होगी। बचत आपकी मासिक आय और खर्चों के अन्तर पर निर्भर है। सभी को थोड़ी बचत करके फिर निवेश जरूर करना चाहिए। बचत और निवेश ब्लॉग पोस्ट में सभी तरह की जानकारी दी गयी है। आपने बचत और निवेश के बारे में पढ़ा, हमें बहुत अच्छा लगा।