कैश क्रेडिट क्या है?
कैश क्रेडिट एक प्रकार का शार्ट टर्म लोन होता है। इसको आप अल्प अवधि का ऋण या कैश क्रेडिट लोन भी कह सकते है व्यवसाय को वित्तीय सहायता देने या व्यवसाय को बड़ा करने के लिए छोटे समय के लिए लिया गया ऋण ही सीसी होता है।
कैश क्रेडिट ऋण की प्रकृति खता धारक के लेन – देन पर निर्भर करती है। इसकी सीमा को बढ़ाया या घटाया जा सकता है। आप अपनी जरुरत के अनुसार सी सी लिमिट करवा सकते है।
क्या हम कैश क्रेडिट लिमिट को टर्म लोन में बदल सकते हैं?
कैश क्रेडिट लिमिट को टर्म लोन में बदल सकते हैं। इसके लिए आपको बैंक ब्रांच में बैंक मैनेजर से मिलना पड़ेगा। कैश क्रेडिट लिमिट आपके लेन – देन पर निर्भर होती है। और आप चाहे तो कैश क्रेडिट लिमिट को टर्म लोन में बदल सकते है परन्तु आपको इसके लिए ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा। इसके ब्याज कर वापिस बुगतान के बारे में आपको अच्छे से जानकारी होनी चाहिए।
टर्म लोन क्या है और इसके कितने प्रकार है इसकी जानकारी आप यहां से पढ़ सकते है।
कैश क्रेडिट लिमिट क्या है?
कैश क्रेडिट लिमिट या CC लिमिट चेक बुक सुविधा के साथ एक प्रकार का चालू खाता है। बैंक द्वारा लघु मध्यम उद्यमों (एसएमई) को उनकी कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नकद ऋण सीमा या सीसी सीमा। सीसी सीमा धारक बैंक को प्राथमिक सुरक्षा के रूप में स्टॉक और देनदार प्रदान करते हैं। एक सीसी सीमा या नकद क्रेडिट सीमा आपको पैसे निकालने या स्वीकृत सीसी सीमा तक चेक जारी करने की अनुमति देती है, भले ही खाते में कोई संतुलन न हो। यह आमतौर पर 12 महीने के लिए एक छोटी अवधि की क्रेडिट सुविधा है, जो हर 12 महीने के बाद अक्षय होती है।
दिल्ली में कैश क्रेडिट लिमिट लोन या CC लिमिट अधिकतम राशि है जो आप बैंक से निकाल सकते हैं। हालाँकि ड्राइंग सीमा बैंक द्वारा निर्दिष्ट की जाती है। उधारकर्ता को केवल उपयोग की गई राशि पर ब्याज का भुगतान करना है, न कि सीमा अनुमोदन पर। ब्याज की गणना दैनिक ओवररन बैलेंस पर की जाती है और मासिक रूप से नकद क्रेडिट या सीसी खाते में डेबिट की जाती है।
जो भी राशि आप नकद क्रेडिट या सीसी खाते में चुकाते हैं, आप उसे फिर से वापस ले सकते हैं जब तक कि सीमा का उपयोग नहीं किया जाता है। इसीलिए कैश क्रेडिट लिमिट या CC लिमिट सुविधा को रिवॉल्विंग क्रेडिट सुविधा भी कहा जाता है।
बैंक कैश क्रेडिट अकाउंट में बीमा जो कराती है इसका मतलब क्या है?
बैंक कैश क्रेडिट अकाउंट में बीमा जो कराती है इसका मतलब पैसे को सुरक्षित करना है। जैसे आप किसी बिमा कंपनी से आपसे भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बिमा लेते है ठीक उसी प्रकार बैंक भी आपने कैश क्रेडिट अकाउंट से जो आपको कैश उपलब्ध करवाती है उस ऋण का आपके द्वारा चुकाए नहीं जाने पर बिमा क्लेम करके भरपाई कर सके।