Dard Bhari Shayari is hindi word. Dard bhari shayari means poetry is that which has painful feeling. We all have a lover in our life whom we love so much more than our live and we can do anything for them because when we are in love, we can do anything for the person we love so much.
We dream of spending our whole life with them, we dream many things about them. But when these dreams break, it hurts a lot because you can never think of losing the person with whom you want to spend your whole life. And when they get away from you, then we are completely broken.
Losing your love is the greatest sorrow in the world. Nobody wants to lose their love but sometimes due to some reason we lose our love. After losing our love, many people try to bring back their love and some try to forget them but it is very difficult for anyone to forget their love.
There are many people in the world, some of whom lose in love and some win. Only those who win in their love are true lovers and only their love is true. And those who get defeated in love, they try to forget their love, they try to erase every memory of their love but it is very difficult to do all this.
People who lost their love, who lost in love. We have a Dard Bhari Shayari for them. You can share this Shayari with your ex lover or ex girlfriend, which is no longer in your life. This Shayari will tell them that without them your life is nothing and how much you love them. These Shayari will help you in bringing your love back.
These Dard Bhari Shayari are specially for you to express your hidden heart broken feelings for your love. These express your love and care for your ex lover. So, share these Dard Bhari Shayari with your your lover or with your ex lover. You may also share these on social media apps.
खामोशियाँ कर देतीं बयान तो अलग बात है,
कुछ दर्द हैं जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते।
जो नजर से गुजर जाया करते हैं;
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं;
कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते,
बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं।
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है;
जिसका रास्ता बहुत खराब है;
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा;
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
आँखों में उमड़ आता है बादल बन कर,
दर्द एहसास को बंजर नहीं रहने देता।
दर्द बनकर समा गया कोई
दिल में काँटे चुभा गया कोई
एक बात सिखाई है… ताजुर्वे ने हमें,
एक नया दर्द ही पुराने दर्द की दवा है।
ज़माने में किसी पर ऐतबार मत करना,
किसी की चाहत में दिल बेकरार मत करो,
या तो हौंसला रखो दर्द-ए-दिल सहने का,
या फिर किसी से इश्क मत करो।
भीड़ में भी तन्हा रहना मुझको सिखा दिया,
तेरी मोहब्बत ने दुनिया को झूठा कहना सिखा दिया,
किसी दर्द या ख़ुशी का एहसास नहीं है अब तो,
सब कुछ ज़िन्दगी ने चुप-चाप सहना सिखा दिया।
Hi friends, I have collected new Dard Bhari Shayari. Dard Bhari Shayari has been published. So check the latest Dard Bhari Shayari and share Dard Bhari Shayari with your lovely friends. Read it and enjoy it.so you can hare it with your all lovely friends. Its give smile and happiness to everyone face. Laughter is the way to make smile on everyone’ s face. Laughter is the best medicine for our health. Be happy and keep laughing.
खामोशियाँ कर देतीं बयान तो अलग बात है,
कुछ दर्द हैं जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते।
Teri Nafrat Ne Ye Kya Sila Diya Mujhe..
Zehar Gam-E-Judai Ka Pila Diya Mujhe…
अगर मोहब्बत की हद नहीं कोई,
तो दर्द का हिसाब क्यूँ रखूं।
Naseehat Achchi Deti Hai Duniya,
Agar Dard Kisi Ghair Ka Ho.
गुलशन की बहारों पे सर-ए-शाम लिखा है,
फिर उस ने किताबों पे मेरा नाम लिखा है,
ये दर्द इसी तरह मेरी दुनिया में रहेगा,
कुछ सोच के उस ने मेरा अंजाम लिखा है।
आँखों में उमड़ आता है बादल बन कर,
दर्द एहसास को बंजर नहीं रहने देता।
दर्द मोहब्बत का ऐ दोस्त बहुत खूब होगा,
न चुभेगा.. न दिखेगा.. बस महसूस होगा।
रोज़ पिलाता हूँ एक ज़हर का प्याला उसे,
एक दर्द जो दिल में है मरता ही नहीं है।
लोग मुन्तज़िर ही रहे कि हमें टूटा हुआ देखें,
और हम थे कि दर्द सहते-सहते पत्थर के हो गए।
तकलीफ ये नहीं कि तुम्हें अज़ीज़ कोई और है,
दर्द तब हुआ जब हम नजरंदाज किए गए।
पास जब तक वो रहे दर्द थमा रहता है,
फैलता जाता है फिर आँख के काजल की तरह।
अपना कोई मिल जाता तो हम फूट के रो लेते,
यहाँ सब गैर हैं तो हँस के गुजर जायेगी।
तुझसे पहले भी कई जख्म थे सीने में मगर,
अब के वह दर्द है दिल में कि रगें टूटती हैं।
अपना कोई मिल जाता तो हम फूट के रो लेते,
यहाँ सब गैर हैं तो हँस के गुजर जायेगी।
और भी कर देता है मेरे दर्द में इज़ाफ़ा,
तेरे रहते हुए गैरों का दिलासा देना।
झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया,
इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते।
सब सो गए अपना दर्द अपनों को सुना के,
कोई होता मेरा तो मुझे भी नींद आ जाती।
मुझको तो दर्द-ए-दिल का मज़ा याद आ गया,
तुम क्यों हुए उदास तुम्हें क्या याद आ गया?
कहने को जिंदगी थी बहुत मुख्तसर मगर,
कुछ यूँ बसर हुई कि खुदा याद आ गया।
दिल के ज़ख्मों को हवा लगती है,
साँस लेना भी यहाँ आसान नहीं है।
एक दो ज़ख्म नहीं जिस्म है सारा छलनी,
दर्द बेचारा परेशान है कहाँ से निकले।
किस दर्द को लिखते हो इतना डूब कर,
एक नया दर्द दे दिया है उसने ये पूछकर।
जो नजर से गुजर जाया करते हैं;
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं;
कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते,
बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं।
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है;
जिसका रास्ता बहुत खराब है;
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा;
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है;
जिसका रास्ता बहुत खराब है;
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा;
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे;
लफ्ज कागज पर उतर जादूगरी करने लगे;
कामयाबी जिसने पाई उनके घर बस गए;
जिनके दिल टूटे वो आशिक शायरी करने लगे।
लिखूं कुछ आज यह वक़्त का तकाजा है;
मेरे दिल का दर्द अभी ताजा-ताजा है;
गिर पड़ते हैं मेरे आंसू मेरे ही कागज पर;
लगता है कि कलम में स्याही का दर्द ज्यादा है!
दिल मेरा जो अगर रोया न होता;
हमने भी आँखों को भिगोया न होता;
दो पल की हँसी में छुपा लेता ग़मों को;
ख़्वाब की हक़ीक़त को जो संजोया नहीं होता।
वो नाराज़ हैं हमसे कि हम कुछ लिखते नहीं;
कहाँ से लाएं लफ्ज़ जब हमको मिलते नहीं;
दर्द की ज़ुबान होती तो बता देते शायद;
वो ज़ख्म कैसे दिखाए जो दिखते नहीं।
हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम;
हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम;
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला;
ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम।
खून बन कर मुनासिब नहीं दिल बहे;
दिल नहीं मानता कौन दिल से कहे;
तेरी दुनिया में आये बहुत दिन रहे;
सुख ये पाया कि हमने बहुत दुःख सहे।
न जाने क्यों हमें आँसू बहाना नहीं आता, न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल बताना नहीं आता,
क्यों सब दोस्त बिछड़ गए हमसे, शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता।
अब दर्द उठा है तो गज़ल भी है जरूरी,
पहले भी हुआ करता था इस बार बहुत है।
आज तेरी याद हम सीने से लगा कर रोये, तन्हाई मैं तुझे हम पास बुला कर रोये,
कई बार पुकारा इस दिल ने तुम्हें, और हर बार तुम्हें ना पाकर हम रोये।
वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे,
हमारी तन्हाइयों से भी आँख चुराते रहे,
हमें ही मिल गया खिताब-ए-बेवफा क्योंकि,
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे।
शीशा तो टूट कर, अपनी कशिश बता देता है,
दर्द तो उस पत्थर का हैं, जो टुटने के काबिल भी नही।
दिल को ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं,
फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई शिकवा नहीं,
और कितने अश्क बहाऊँ अब उस के लिए,
जिसको खुदा ने मेरी किस्मत में लिखा ही नहीं
तेरे दिल के करीब आना चाहता हूँ मैं,
तुझको नहीं और अब खोना चाहता हूँ मैं,
अकेले इस तनहाई का दर्द बर्दाश्त नहीं होता,
तू एक बार आजा तुझसे लिपट कर रोना चाहता हूँ मैं।
दर्द हल्का है साँस भारी है
जिए जाने किस रस्म जारी है
वो रात दर्द और सितम की रात होगी,
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी,
उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर नींद से अक्सर,
कि एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी
आज क्यों तकलीफ होती है तुम्हें बेरुखी की
तुम्ही ने तो सिखाया है कैसे दिल जलाते हैं
अपनो की पाने की चाह में,
हमने खुद को इस कदर खो दिया,
ज़िन्दगी बची है अब चंद पलो की,
ये दिल भी मेरा खून के आंसू रो लिया।
तुझे इस तरह यू भुला ना सकेंगे,
तेरे अलावा किसी की अपना ना सकेंगे,
तू ही मेरी ज़िन्दगी मेरी जान है,
तेरी मोहब्बत का दाग हम धुला ना सकेंगे।
माना कि तुझको मै हासिल ना कर सका,
मोहब्बत थी तुझसे बयां ना कर सका,
लेकिन किसी को पा लेना ही मोहब्बत नहीं होता,
चाहे मै तेरे काबिल ना बन सका।
तू प्यार ना निभा सकी,
मुझे तन्हा कर के छोड़ दिया,
ज़िन्दगी में अकेला रह गया मै,
दिल ने भी तुझसे अब रुख मोड़ लिया।
तेरे प्यार मै मदहोश हो कर,
मै जमाने से भी लड़ पड़ा,
प्यार हमारा सच्चा था झूठा नहीं था,
जमाने को बताने मै चल पड़ा।
माना कि तुझको मै हासिल ना कर सका,
मोहब्बत थी तुझसे बयां ना कर सका,
लेकिन किसी को पा लेना ही मोहब्बत नहीं होता,
चाहे मै तेरे काबिल ना बन सका।
Hi friends, I have collected new Dard Bhari Shayari. Dard Bhari Shayari has been published. So check the latest Dard Bhari Shayari and share Dard Bhari Shayari with your lovely friends.