जब आप ऋण लेते है तो आपने सोचा होगा कि Loan emi kya hai, EMI क्यों देते है? EMI का फुल फॉर्म क्या है? इस सारे प्रश्नों के जवाब यह पर दिए गए है।
सबसे पहले जानते है कि EMI का फुल फॉर्म क्या है?
EMI ka full form
EMI का फुल फॉर्म क्या है?
EMI का फुल फॉर्म (emi ka pura name kya hai) Equated monthly installment होती है। इसको हिंदी में मासिक किस्त कहते है। मासिक किस्त वो होती है जो उधार लिए गए ऋण को छोटी – छोटी मासिक किस्तों में ब्याज सहित चुकाने का तरीका है।
Loan EMI Kya Hai
लिए गए ऋण को मासिक किस्तों में ब्याज सहित चुकाने का तरीका ही मासिक किस्त यानि EMI कहलाती है। ये किस्तें 12 या 24 या 36 या 60 हो सकती है। क्यों कि ऋण कम अवधि का लिए है तो किस्तें कम होगी और ऋण लम्बी अवधि का है तो उसकी किस्तें भी ज्यादा होगी। ऋण को अवधि के अनुसार चुकाना होता है। इसलिए EMI का महत्व बहुत ज्यादा होता है।
EMI ka bhugtan kaise karte hai

EMI का भुगतान कैसे करते है?
EMI का भुगतान कैसे करना है ये आपको ऋण लेने से पहले निश्चित करना चाहिए। आपकी आय के अनुसार आप आपने ऋण की किस्तों का भुगतान कर सकते है। ये किस्तें 12 या 24 या 36 या 60 हो सकती है। किस्तों का निर्णय ऋण लेने से पहले पता कर लेना चाहिए।
ऋण लेने वाला कैसे और कितनी में ऋण का पुनः भुगतान करेगा, उसके अनुसार बैंक ऋण की EMI को निश्चित कर देती है। ऋण लेने वाले की आय और ऋण की किस्त का भुगतान करने में सुविधा हो। उसी प्रकार ऋण को मासिक किस्तों में बांट लेना चाहिए।
आजकल बैंक मासिक किस्तों का भुगतान ऑनलाइन करने की सुविधा देती है। आप चाहे तो हर महीने आपके बैंक अकाउंट से सीधे कट सकती है। आप चाहे तो आप अपनी सुविधानुसार भुगतान कर सकते है।
ऋण लेने वालों को मासिक किस्त के बारे में अच्छी तरह से पता होता है। फिर भी कुछ लोगों को पूरी जानकारी नहीं होने के कारन वे मासिक किस्त के बारे में अनजान बने रहते है। जब तक बैंक की तरफ से मासिक किस्त का पत्र नहीं आता, उन्हें किस्त की जानकारी नहीं होती है।
बैंक बकाया किस्त को चुकाने के लिए एक पत्र भेजता है ताकि ऋण लेने वाला समय पर लोन की किस्त जमा कर सके। ये लोन की किस्त व्यक्ति द्वारा लिया गया उधार धन और उसका ब्याज होता है जो उसे चुकाना होता है।